Bihar Inter-caste Marriage Promotion Scheme: शादी को लेकर आज भी हमारा समाज पारंपरिक ढांचे से बाहर नहीं निकल सका है। आज भी लोग अपनी ही जाति की लड़की से शादी करना चाहते हैं। बहुतों ने इसको करने का सटीक तर्क भी दिया है।
Bihar Inter-caste Marriage Promotion Scheme
सरकार कई तरह की योजनाएं चलाती है ताकि लोग अंतर्जातीय विवाह (Inter-caste Marriage) करें और समाज को नई दिशा मिल सके। आज हम आपको बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही ऐसी ही एक योजना से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। जिसका नाम बिहार अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना (Bihar Inter-caste Marriage Promotion Scheme) है।
इस योजना के माध्यम से अंतरजातीय विवाह के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस लेख में हम आपको इस योजना से जुड़े सभी पहलू और उससे जुड़ी पात्रताओं के बारे में बताएंगे। तो पोस्ट को अंत तक पढ़ें और कॉमेंट जरूर करें।
इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए लाभार्थी को 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर रसीद के साथ जमा करनी होगी जिसके बाद उसके खाते में 1.5 लाख रुपये भेजे जाएंगे। बाकी के एक लाख रुपये 3 साल के लिए एफडी कर दी जाएगी। 3 साल बाद विवाहित जोड़े को फिक्स्ड डिपॉजिट राशि और उस राशि पर मिले ब्याज समेत जोड़े को लौटा दिया जाएगा।
बिहार अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देना है। ताकि समाज में पिछड़े वर्गों को समाज में ऊपर उठाया जा सके। बिहार अंतर्जातीय विवाह योजना का लाभ तभी मिलेगा जब पति या पत्नी में से एक पिछड़ी जाति से हो और दूसरा गैर-पिछड़ी जाति से हो।
बिहार अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ
- बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत कुल 2.5 लाख प्रदान किए जाएंगे।
- 10 रुपये का गैर-न्यायिक स्टांप पेपर जमा करने पर 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
- बाकी के 100000 रुपये को 3 साल के लिए सावधि जमा के रूप में रखा जाएगा।
- 100000 रुपये की राशि लाभार्थी को 3 साल बाद ब्याज समेत मिलेगी।
- पैसा आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से लाभार्थी के अकाउंट में ट्रांसफर होगा।
- इस योजना का लाभ पाने के लिए पति-पत्नी का ज्वाइंट अकाउंट होना जरूरी है।
- यह योजना वर्ष 2013-14 और 2014-15 के लिए पायलट योजना के रूप में शुरू की गई थी।
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