NH 327 E की चौड़ाई बढ़ाकर फोरलेन बनाने की मिली स्वीकृति, परसरमा से अररिया तक बनेंगे फोरलेन सड़क

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NH 327 E: परसरमा से अररिया तक एनएच 327 ई की चौड़ाई बढ़ाकर उसे फोरलेन करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित एनएचएआई ने प्राथमिकता के आधार पर चयन किया है। जल्द हीं NH 327E के चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ हो सकता है।

NH 327 E होगा फोरलेन

एनएच 327 ई (NH 327 E) के अररिया से परसरमा तक का चौड़ीकरण फोरलेन में हो जाने से सुपौल, मधेपुरा, अररिया, मधुबनी, दरभंगा और सहरसा जिला के लोगों को बंगाल और नार्थ ईस्ट जाने में लगभग 80 किमी दूरी की बचत होगी। इसका डीपीआर बनाने के लिए पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दी थी।

यह सड़क अभी एनएच के दो लेन पेभ्ड सोल्डर के आधार पर बना हुआ है, लेकिन भविष्य में इस पर यातायात का भारी दबाव बढ़ने की संभावना है। अभी भी यह सड़क पर काफी भीड़ की स्थिति बनी रहती है।

एनएच 327 ई 4 लेन बनने से कई जिलों को मिलेगा लाभ

सूत्रों के अनुसार बिहार के नेपाल बॉर्डर पर अवस्थित सुपौल एवं अररिया जिला को जोड़ने वाला एनएच 327 ई एक अतंर्राष्ट्रीय महत्व का सड़क है, जो सुपौल जिला से होकर गुजरनेवाली विभिन्न एनएच को जोड़ता है। एनएच 106 (NH 106) (वीरपुर-बिहपुर पथ), भारत माला परियोजना की सड़क 527 ए उच्चैट भगवती स्थान (मधुबनी) से महिषी तारा स्थान (सहरसा) तक जाती है।

एनएच 327 ई (NH 327 E)

NH 327 E इस्ट-वेस्ट कोरीडोर से मिलती है

327 ए सुपौल-भपटियाही सरायगढ़ सड़क इस्ट-वेस्ट कोरीडोर से मिलती है, इसका सीधा संपर्क एनएच 327 ई से है। वहीं सुपौल और मधुबनी जिले के बीच भेजा घाट पर कोसी नदी में नया पुल भारतमाला परियोजना से बना रहा है। इस पुल के बन जाने से दरभंगा और मधुबनी जिले का कोसी क्षेत्र से संपर्कता बढ़ेगी, इस कारण सुपौल-अररिया सड़क पर यातायात का दबाव बढ़ेगा।

यह विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों के ढुलाई तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर का वैकल्पिक मार्ग है। काफी व्यस्तता और दो लेन होने के कारण सड़क पर दुर्घटना भी काफी होती है। सरकार को अभी तो सबसे पहले 42 नंबर सड़क जोकि गोविंदपुर – परसागढ़ी – रघुनाथपुर होके गुजरती है (NH 327 E का बायपास) उसे ठीक करने की जरूरत है।

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