Bipasha Basu Pregnancy Photoshoot: मातृत्व का उत्सव मना रही हैं बिपाशा बसु, अपने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर कर लिखी कई बातें, चलिए जानतें हैं। किसी भी दंपति जोड़े के जीवन में माता पिता बनने की खबर सुखद होती है। तो बॉलीवुड में मातृत्व की दस्तक कोई छोटी बात नहीं। आज कलाकार के परिवार से कहीं बाहर फैंस , मीडिया और कमर्शियल प्रोडक्ट तक के लिए ये खबर अपनी तरह का ख़ास मौका होता है।
Bipasha Basu Pregnancy Photoshoot
आपको बताएं आये दिन कई टीवी एक्ट्रेस भी अपना प्रेग्रेंसी फोटोशॉट करवा कर लोगों के बीच इसकी फोटो साझा करती रहती हैं। आज हम चर्चा बिपाशा बसु प्रेग्रेंसी फोटोशॉट की करने जा रहे हैं।जी हां बिपाशा बासु और करण सिंह ग्रोवर अपने जीवन के नए पड़ाव पर हैं और अपने पहले बच्चे के स्वागत के लिए तैयार हैं। इस खबर को उन्होंने बेहद खूबसूरत फोटोशूट के ज़रिये इंस्टाग्राम की पोस्ट से साझा करते हुए खुबशुरत कैपशन दिया।
बिपाशा बसु द्वारा साझा की गयी तस्वीर में वो सफ़ेद कपड़ों में करण बिपाशा के साथ बेबी बम्प को चूमते हुए नज़र आ रहे है। यूं तो ये किसी भी जोड़े के निजी पल होते है लेकिन सोशल मीडिया में जब आम जोड़े भी पैटर्निटी मैटरनिटी (Bipasha Basu Maternity Photoshoot) फोटोशूट करा कर अपने सोशल मीडिया पर डाल रहे।
वैसे ये तो बॉलीवुड की चर्चित जोड़ी है और जब कुछ सोशल मीडिया पर डल गया तो निजी कहां और कब तक रह सकता है। आपको पता हो की इस खबर को बहुत दिनों तक आधिकारिक तौर पर मीडिया को नहीं बताया गया था। इंस्टाग्राम पर अपने नए फोटोशूट में करन और बिपाशा दोनों ही बेहद खुश नजर आ रहे हैं।
अब लोगों का ये सवाल है कि बेबी बम्प को यूं दिखाना क्या सही है? चूंकि भारतीय परिवेश में इस खबर को बहुत दिनों तक छुपाने और गर्भवती स्त्री के पेट को ढंकने की परम्परा है। लेकिन सोचने वाली बात ये है माय बॉडी माय चॉयस वाले ज़माने में ऐसा सवाल क्यों ? आज तो कई हेरोइन इतने घटिये कपड़े पहना करती है जो हमेशा चर्चा का कारण बन जाती है। उर्फी जावेद को आप उदाहरण के तौर पर लीजिये।
मातृत्व का उत्सव
एक जमाना था जब मातृत्व बिना किसी प्लानिंग के जीवन में प्रवेश करता था। लेकिन आजकल बेबी प्लानिंग (Baby Planning) के बाद आता है। जब होने वाले माता पिता मानसिक रूप से तैयार हो चुके होते हैं। कई माता पिता या रिस्तेदार तो पहले से हीं नाम तक तय करके रख लेते हैं। आमदनी के अनुसार बेबी कॉट या बेबी रूम की सजावट भी हो चुकी होती है। आने वाले मेहमान के स्वागत के लिए गोद भराई की रस्म तो मान्यता अनुसार होती हीं है।
मैटरनिटी शूट कमर्शियल तौर पर आज सफल साबित होते दिख रहा है और अब बकायदे एक प्रक्रिया बन गयी है। जिसे मां पिता नए सफर की यादों के रूप में देखते हैं। तो नयी पीढ़ी अगर सोच समझ कर इस नए सफर को उत्सव के रूप में ले तो दिक्क्त क्या है?
मातृत्व ज़िम्मेदारी है बोझ नहीं
समय के परिवर्तन के साथ एक धीमा लेकिन सुखद परिवर्तन ये भी है कि मां आने वाले बच्चे को ज़िम्मेदारी के रूप में देखती है। होने वाले बच्चे के पैदा होने के लिए पहले हीं अस्पताल का चयन हो जाता है। आज तो पहला जन्मदिन धूम धाम से मनाना ज़रूरी सा हो गया है। बेबी फ़ूड , ब्रांडेड कपडे , पहला स्कूल सब कुछ में अपना एक अलग चुनाव होता है। ये होने वाली मां की आर्थिक स्वतंत्रता के अनुसार निर्धारित होती है।
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जैसे जैसे स्त्रियां आर्थिक तौर पर मज़बूत हो रही हैं अपने हिस्से की ख़ुशी को मनाने से पीछे नहीं हटती। तो जहां वो मां बनने के बाद काम पर लौटने, मातृत्व से पहले वाली शारीरिक बनावट और अपने सपनों को तिलांजलि नहीं देती। वही बुरे रिश्ते को छोड़ कर आगे बढ़ने में भी अब बहुत सी माएं बच्चो को कमज़ोरी न समझ अपनी ताकत समझती है। मां बनना सुखद ही नहीं स्त्री पुरुष के रिश्ते को एक अलग ताकत देता है, जिसका उत्सव तो बनता है न।
माय चॉइस
बच्चे की खबर लोगों को कब देनी है ये भी मर्ज़ी है तो बेबी बम्प दिखाना छुपाना भी तो मर्ज़ी हुई! कई सेलेब्रिटी पहले कुछ महीनो में ही खबर को साझा कर देतीं हैं तो कई इसको राज बनाते हुए मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों को दरकिनार करती हैं। वहीं करण बिपाशा ने तमाम अटकलों के बाद भी कुछ नहीं कहा और समय आने पर इस खबर को फोटशूट के ज़रिये दुनिया को बताया।
छोटे कपडे पहनने से ले कर छः गज की साड़ी तक अगर स्त्री की मर्ज़ी है तो बेबी बम्प को दिखाना या छुपाना भी स्त्री की मर्ज़ी ही है। आज कई तरह के तकनीक व कपड़े भी बाजार में आसानी से मिल जाते हैं जिससे स्त्रियों को बेबी बम्प न दिखाने मे काफी सहायता मिलती है। खास तौर पर तब जब होने वाले पिता और मां दोनों ही इससे ख़ुशी पा रहे तो हम और आप दाल भात में मूसलचंद क्यों बने?
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इस मुहाबरे से मेरा मतलब है की बेवजह की टंगड़ी क्यों अड़ाए! पोस्ट देखिये, और न अच्छा लगे तो स्क्रॉल करिये किन्तु भारतीय परिवेश की टिप्पणी न दीजिये। परिवेश का सारा बोझ स्त्री पर और उस पर भी ज़्यादातर विवाहित स्त्री और मां पर! क्यों ?
आज के जमाने में इस तरह के फोटोशूट आम हो गए है जिसमे करीना कपूर , सोनम कपूर , हॉलीवुड से रिहाना ,केली जेनर आदि बहुचर्चित रहे। हाल ही में हुए कांन्स फिल्म फेस्टिवल में एड्रिआना लिमा ने इसी अंदाज़ में अपने बेबी बम्प को दिखते हुए कपडे पहने और अपने साथी के साथ रेड कारपेट पर चली!
मैं समझता हूँ बदलाव समाज का हिस्सा है और पैटर्निटी फोटोशूट भी उसी बदलाव का हिस्सा! करण बिपाशा ने अपने सन्देश में लिखा, ‘हम जो कभी दो थे, अब तीन हो जाएंगे। हमारे प्यार से पैदा होने वाली एक रचना, हमारा बच्चा जल्द ही हमारे साथ जुड़ जाएगा और हमारे उल्लास में शामिल होगा, आप सभी को धन्यवाद, आपके बिना शर्त प्यार, आपकी प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद! दुर्गा दुर्गा
जब सब कुछ उन्होंने कह हीं दिया तो फिर हम भी कह दें – शुभकामनाएं! आने वाले जीवन के लिए – दुग्गा दुग्गा! आपको ये अच्छा लगा तो शेयर कीजिये, नहीं तो वेबसाइट पर इतना देर से बोझ क्यों बनें थे? है कोई जबाब, तो कॉमेंट बॉक्स में दीजिये।
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