राजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने यूरिया खाद और पैक्स संबंधित समस्याओं पर सरकार को घेरा

राजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने यूरिया खाद और पैक्स संबंधित समस्याओं पर सरकार को घेरा

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राजपा | बिहार में इन दिनों फिरसे यूरिया खाद की काफी किल्लत हो गयी गई है। यूरिया खाद की कमी और भरपूर कालाबजारी के कारण किसान के फसलों का भेंट चढ़ रहा है। कहीं 400, 700 तो कहीं 1100 रुपया तक देकर किसानों को यूरिया मिलता है। कहीं भूखे पेट सुबह से शाम तक लंबी लाइन में खड़े रहने के बाद देर शाम अगर कुछ मिलता है तो वो है निराशा।

वहीं जो बड़े पुंजिपति हैं उसको घर बैठे मनचाहा संख्या में यूरिया खाद होम डेलिवरी हो जाता है। यूरिया के अभाव के कारण गेंहूँ की खेती में काफी देर हो गयी है और कितने किसानों का खेत पटने के बाद सुख जाता है। यूरिया खाद के कारण पौधे का सही विकास नहीं हो पा रहा है तो कहीं महिना दिन बाद होने वाले मकई के पटवन के बाद देने के लिए यूरिया खाद का भंडारण हो रहा।

वहीं पैक्स का भी हाल बहुत हीं गड़बड़ है। एक तो बिहार सरकार द्वारा पैक्स को काफी देरी के बाद धान खरीद का टार्गेट मिला। इसके बाद सरकार जो वादा करती है की 48 घंटे में किसानों के खाते में विक्रय की गयी धान की मूल्य आयेगी इसमें भी देरी हुई। कई पंचायत में धान अधिप्रप्ति के हप्ते बाद भी किसानों के खाते में रुपया नहीं आया।

इसके बाबजूद किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित धान का प्रति क्विंटल दर भी नहीं मिल रहा। किसान को पैक्स द्वारा बहुत हीं कम मूल्य यानी 1700 तथा 1800-1900 का दर से हीं रुपया मिल रहा। ये बिहार के अलग अलग जिले के अलग अलग पंचायत के पैक्स अध्यक्ष पर निर्भर हो गया है। ऐसे में मजबुरन किसानों को कम दामों में अपना धान बेचना पड़ता है।

जल्द सुलझे अन्नादाताओं के समस्या

इसी मुद्दे को लेकर राजपा के प्रदेश प्रवक्ता साकेत कुमार ने सरकार को घेरते हुए किसानों के हित में कार्य करने का मांग किया। राजपा प्रवक्ता ने पैक्स में हो रहे समस्याओं को भी जल्द सुलझाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनो से मांग किया। उन्होंने प्रेस व्याप्ति जारी कर किसानों के साथ न्याय का गुहार लगाया।

राजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने यूरिया खाद और पैक्स संबंधित समस्याओं पर सरकार को घेरा

साकेत लिखते हैं बिहार का पक्ष और विपक्ष सिर्फ सॉफ्ट कार्नर वाली राजनीति कर रही है। किसी को प्रधानमंत्री बनना है, किसी को मुख्यमंत्री बनना है, किसी को बड़ा नेता बनना है। लेकिन आवाम के मुल मुद्दे और पीड़ा पर ये लोग झेप जाते हैं।

राजपा प्रवक्ता प्रेस व्याप्ति जारी कर सरकार को घेरा

वे आगे लिखते हैं सुबे में किसान खाद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान अपने अनाज को कहां बेचने की सबसे बड़ी दुविधा है। बिना तैयारी के बिहार सरकार ने अरवा- उसना का रोस्टर जारी कर विचौलियों को अघोषित मदद कर रही है। मगध कमिश्नरी के जिस जिले (औरंगाबाद) से मैं आता हूँ वहाँ बिहार सरकार ने रोस्टर जारी कर पैक्स को 100% उसना चावल देने को कहा है तो अरवल में 100% अरवा।

राजपा प्रवक्ता सरकार की नाकामी गिनाते हुए लिखते हैं इससे भी ज्यादा दुर्भाग्य इस बात का है कि माननीय सहकारिता मंत्री भी मगध क्षेत्र से हीं आते हैं। लेकिन किसानों की सुधी लेने वाला कोई नहीं है। राज्य का मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेता भी इन मुद्दों से दुरी बना रखी है क्योंकि इनके सबसे बड़े चाणक्य केन्द्र सरकार में इस विभाग के मंत्री है।

साकेत कुमार बिहार और केंद्र के कृषि मंत्री को लिखते हैं की माननीय मंत्री जी (केन्द्र एवं राज्य) कृप्या इन समस्याओ पर गंभीरतापूर्वक संज्ञान लें और निवारण के उपायों को लागु करें। आपको बताएं अन्नदाताओं के समस्या को लेकर राष्ट्रीय जन जन पार्टी हमेशा मुखर रहती है। राजपा नेता सरकार को देश के अर्थव्यवस्था किसपर टिकी है आये दिन याद दिलाते रहते हैं।

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